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मध्य प्रदेश स्लेट पेंसिल कर्मकार कल्याण बोर्ड



स्लेट पेंसिल श्रमिक आमतौर पर सिलिकोसिस नामक गंभीर बीमारी से ग्रस्त होते हैं। यह बीमारी एक दीर्घकालिक फेफड़ों की बीमारी है जो आमतौर पर कई वर्षों तक बड़ी मात्रा में क्रिस्टलीय सिलिका धूल के शरीर में जाने के कारण होती है। सिलिका प्राकृतिक रूप से पत्थर में पाया जाने वाला एक पदार्थ है, जिसे स्लेट पेंसिल बनाने के लिए काटा जाता है। ऐसे पत्थरों के साथ काम करने से बहुत महीन धूल बन सकती है, जो श्रमिकों की श्‍वास के माध्‍यम से फेफडों में चले जाती हैं। स्लेट पेंसिल श्रमिक कल्याण बोर्ड का उद्देश्य स्लेट पेंसिल श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में शामिल करना है ताकि मुख्य रूप से उन्हें और उनके परिवारों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया जा सके।

मध्य प्रदेश स्लेट पेंसिल कर्मकार कल्याण निधि अधिनियम, 1982 के अंतर्गत मंदसौर जिले में स्लेट पेंसिल उद्योग में कार्यरत श्रमिकों के कल्याण के लिये एक निधि की स्थापना की गई है। इसके संचालन के लिये एक मंडल गठित है, जिसका कार्यकाल तीन वर्ष होता है। मंडल में अध्यक्ष तथा सचिव के अलावा नियोजकों एवं कर्मकारों के तीन-तीन प्रतिनिधि तथा तीन स्वतंत्र सदस्य होते हैं। मंडल के सचिव सहायक श्रम आयुक्त, उज्जैन संभाग है।